MP Education News: स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को जल्द से जल्द कार्यमुक्त करें
मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय ने एक पत्र जारी कर सभी संकुल प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वे उन स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को तुरंत कार्यमुक्त कर दें, जहां नियमित शिक्षकों की पदस्थापना हो चुकी है।
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अतिथि शिक्षकों के पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, कुछ संकुल प्राचार्यों ने नियमित शिक्षकों की उपस्थिति के बाद भी अतिथि शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किया है। यह शासनादेशों की अवहेलना है और घोर अनियमितता है।
इसलिए, सभी संकुल प्राचार्यों को पुनः निर्देशित किया जाता है कि वे ऐसे स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के ऑनलाइन बिल जनरेट कर दो दिनों में उन्हें कार्यमुक्त कर दें। भविष्य में ऐसे प्रकरण पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सरल शब्दों में, यह आदेश कहता है कि जिन स्कूलों में नियमित शिक्षक आ गए हैं, वहां अतिथि शिक्षकों को तुरंत निकाल दिया जाए।
यहाँ कुछ अतिरिक्त स्पष्टीकरण दिए गए हैं:
- "संदर्भित पत्र" से तात्पर्य है कि लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा पहले जारी किया गया एक पत्र।
- "नियमित शिक्षकों की उपस्थिति" का अर्थ है कि नियमित शिक्षक स्कूल में आ गए हैं और काम कर रहे हैं।
- "ऑनलाइन बिल जनरेट करना" का अर्थ है कि अतिथि शिक्षकों को उनके काम के लिए भुगतान करने के लिए एक फॉर्म भरना।
- "कार्यमुक्त करना" का अर्थ है कि किसी को नौकरी से निकालना।
- "कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई" का अर्थ है कि किसी को नौकरी से निकालना या अन्य दंड देना।